क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग फॉरेक्स ट्रेडिंग ही है, लेकिन इसमें जोड़ी की दो मुद्राओं में से एक क्रिप्टोकरेंसी होती है। क्रिप्टोकरेंसी का सबसे अच्छा उदाहरण बिटकॉइन है जिसमें इधर विस्फोटक वृद्धि हुई है और दुनिया भर के विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा इसे अपनाया जा रहा है।
बिटकॉइन कारोबार कैसे शुरू करें?
किसी भी फॉरेक्स ब्रोकर के साथ आप बिटकॉइन ट्रेड शुरू कर सकते हैं जो दूसरी मुद्राओं के साथ BTC का कारोबार करने की अनुमति देते हों। वह ब्रोकर आपको BTC और दूसरी कुछ क्रिप्टोकरेंसी को अपने वास्तविक खाते या डेमो खाते में कारोबार करने की अनुमति देगा। आप रेगुलर करेंसी के कारोबार के साथ ही शुरू कर सकते हैं, जहां एक ब्रोकर का चयन करना पहला कदम होता है।
बिटकॉइन की ट्रेडिंग कैसे सीखें?
बिटकॉइन मार्केटप्लेस में भारी अस्थिरता के कारण क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार करने के लिए थोड़ी फंडामेंटल एनालिसिस की ज़रूरत होती है, और इस एसेट क्लास (asset class) के लिए ब्रोकरों द्वारा दी जाने वाली सीमित लीवरेज बिटकॉइन ट्रेड को सीख पाना मुश्किल बना देती है। बिटकॉइन का ट्रेड सीखने के लिए आपको चार्ट डेटा को समझना और ट्रेंड (टेक्नीकल एनालिसिस) का विश्लेषण करना सीखना चाहिए। यह मुख्य टूल है जिसका उपयोग आप यह तय करने के लिए करेंगे कि कारोबार में कैसे एंट्री और एग्जिट करें।
क्रिप्टोकरेंसी सामान्य मुद्राओं से अलग कैसे है?
पिछले दशक में पैसे की सप्लाई में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जो इतिहास में धन की सप्लाई में सबसे बड़ी वृद्धि थी। हमारी मुद्रा प्रणाली केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित की जाती है, जो वास्तव में एक वैध मुद्रा प्रणाली है जिसमें पैसा बना पाने की शक्ति है। दुनिया भर में सभी मुद्राएँ सरकारी अधिदिष्ट (fiat) मुद्राएँ हैं। फिएट मुद्राओं के साथ असली समस्या यह है कि एक व्यवस्था में जितनी ज्यादा मुद्रा होती है उतनी ही ज्यादा बाज़ार की कीमतों में वृद्धि होती है। इससे फलस्वरूप इससे मुद्रास्फीति (inflation) बढ़ जाएगी और मुद्रा का मूल्य गिर जाएगा। बिटकॉइन और सोना दोनों इस मामले में समान हैं, कि इनकी सप्लाई निश्चित मात्रा में होती है, जो कि सरकारी कागजी मुद्राओं के मुकाबले बहुत बड़ा अंतर है। इस बात की एक सीमा है कि बिटकॉइन की कितनी माइनिंग की जा सकती है और साथ ही दुनिया में सोने की आपूर्ति भी सीमित है। एक निश्चित पूर्वानुमानित दर भी है जिससे बिटकॉइन की माइनिंग की जा रही है, जो बाज़ार में निरंतर शामिल होते नए सोने की दर के समान है। बिटकॉइन माइनिंग दरअसल विशेष सॉफ्टवेयर के जरिये नए बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया है। क्रिप्टोकरेंसी पारंपरिक नकद पैसे का एक बढ़िया विकल्प है और पहले से ही इसे नए गोल्ड स्टैंडर्ड के रूप में जाना जाता है। सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। इसका बाजार पूंजीकरण (market capitalization) 42 बिलियन डॉलर से ज्यादा है जो कि सभी क्रिप्टोमुद्राओं के बाजार पूंजीकरण के 40% का प्रतिनिधित्व करता है।
क्रिप्टोकरेंसी कितनी हैं?
3 जुलाई, 2017 तक 34 सक्रिय क्रिप्टोकरेंसी थीं। नीचे दी गई तालिका बाजार पूंजीकरण (3 जुलाई 2017 तक) के आधार पर टॉप 10 क्रिप्टो-मुद्राओं का ब्यौरा देती है। बिटकॉइन के विकल्प के रूप में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी की संख्या बढ़ती जा रही है जिनका कारोबार बिटकॉइन की तरह ही किया जा सकता है।

सूत्र : coinmarketcap.com
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग बनाम फॉरेक्स करेंसी ट्रेडिंग
किसी क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होने का मुख्य लाभ इसे धन के भंडार के रूप में उपयोग किया जाना है क्योंकि फिएट मनी आपूर्तिकर्ता अपनी क्रय शक्ति का नाटकीय रूप से उपयोग कर सकते हैं। बिटकॉइन, एथेरियम, रिपल और अन्य सिक्कों के साथ क्रिप्टोकरेंसी हमें एक सेकेंडरी चॉइस देती है, जो वास्तव में एक ही समय में मुद्रास्फीति की समस्या को हल करती है। पारंपरिक मुद्रा कारोबार के विपरीत जहाँ सेन्ट्रल बैंक विनिमय दरों को बदल सकते हैं, बिटकॉइन की कीमतों में हेरफेर करने के लिए कोई केंद्रीय बैंक नहीं है जो इसकी विनिमय दरों में हेरफेर कर सके। इसके अलावा बिटकॉइन ट्रेडिंग टैक्स और ब्रोकर-फी से मुक्त है। संक्षेप में, काउंटर पर ट्रेड किये जाने वाले मुद्रा कारोबार से अलग बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा या एक वर्चुअल करेंसी है, जिसे बिटकॉइन नेटवर्क पर बनाया जाता है, स्टोर किया जाता है और जिसका एक्सचेंज किया जाता है। मात्रात्मक राहत कार्यक्रमों के माध्यम से मुद्रित ज्यादा पैसे के जरिये बिटकॉइन का अवमूल्यन नहीं किया जा सकता क्योंकि बिटकॉइन की कुल संख्या 21 मिलियन तक सीमित है।
बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेड क्यों करें?
क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार के अवसर पैदा करने वाली हाई अस्थिरता (वोलेटाइलिटी) मौजूद है। फॉरेक्स में यह अस्थिरता पिछले 10 वर्षों में रिकॉर्ड स्तरीय निचले स्तर तक गिरकर 1% कम हो गई है। जबकि बिटकॉइन में 10% की औसत अस्थिरता वृद्धि के साथ 30% की चरम अस्थिरता देखी जा रही है। ज्यादा अस्थिरता का अर्थ है अधिक कारोबार के अवसर और बड़ा मुनाफा, लेकिन साथ ही यह नुकसान के आकार को भी बढ़ाता है। इस बड़ी अस्थिरता के कारण आप पाएंगे कि क्रिप्टोकरेंसी ब्रोकर इन ट्रेडों के लिए बहुत कम अधिकतम लीवरेज की पेशकश करते हैं। बिटकॉइन का विश्लेषण करना आसान है क्योंकि आपके पास जीडीपी, सीपीआई मुद्रास्फीति, बेरोजगारी दर या ट्रेड साइकल जैसे मूलभूत डेटा नहीं हैं। सभी क्रिप्टोकरेंसी इन मैक्रो फंडामेंटल डेटा से प्रभावित नहीं होती हैं जो सारतः प्राइस एक्शन को पढ़ना बहुत आसान बना देगा।